पाकिस्तान में 18 जिलों के सीवेज-सैंपल में मिला पोलियो वायरस:इस साल पोलियो के 6 केस मिल चुके; पिछले साल 74 मामले दर्ज किए

पाकिस्तान नेशनल हेल्थ इंस्टीट्यूट ने देश के 18 जिलों से इक्ट्ठा किए गए सीवेज सेम्पल में वाइल्ड पोलियो वायरस टाइप-1 का पता लगाने की पुष्टि की है। ये नमूने पाकिस्तान के सभी 4 राज्यों की अलग-अलग सीवेज लाइन से जमा किए गए थे।

प्रभावित इलाकों में सिंध के 12 जिले, पंजाब और खैबर पख्तूनख्वा में दो-दो जिले, बलूचिस्तान और इस्लामाबाद का एक जिला शामिल है। दुनिया में पाकिस्तान और अफगानिस्तान ही सिर्फ ऐसे दो देश हैं, जहां अभी भी पोलियो उन्मूलन नहीं हो पाया है।

इस साल अब तक पाकिस्तान में पोलियो के 6 मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें सिंध से 4, खैबर पख्तूनख्वा और पंजाब के एक-एक मामले शामिल हैं। 2024 में देश में 74 मामले दर्ज किए गए थे।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने 27 मार्च, 2014 को भारत को पोलियो मुक्त घोषित कर दिया था। हालांकि पिछले साल 10 साल बाद मेघायल में पोलियो का एक केस मिला था।

वैक्सीन लगाने वाले कार्यकर्ता सुरक्षित नहीं अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के मुताबिक पाकिस्तान में अल-कायदा और पाकिस्तान-तालिबान जैसे संगठन पोलियो उन्मूलन में बड़ी बाधा हैं। इसके अलावा पोलियो वैक्सीन को लेकर लोगों में जागरूकता का आभाव है।

कई बार पोलियो वैक्सीन लगाने वाले हेल्थ वर्कर्स पर हमले पर खबरें भी सामने आ चुकी हैं। इसके अलावा खराब स्वास्थ्य सुविधाएं और लोग की तरफ से पोलियो वैक्सीनेशन में लापरवाही भी इसकी बड़ी वजह है।

पाकिस्तान और अफगानिस्तान में पोलियो वर्कर्स की टीम पर कई हमले हो चुके हैं। अब इन्हें सुरक्षा भी दी जाती है।

पोलियो क्या है? पोलियो एक गंभीर और कई बार जानलेवा बीमारी है, जो पोलियो वायरस के कारण होती है। बीते कुछ सालों में दुनिया के ज्यादातर देश पोलियो मुक्त हो चुके हैं। पाकिस्तान और अफगानिस्तान को पोलियो मुक्त बनाने के लिए वैक्सिनेशन अभियान चल रहे हैं।

पोलियो के लक्षण ज्यादातर लोगों में बहुत हल्के दिखते हैं या फिर दिखते ही नहीं हैं। कुछ मामलों में संक्रमण गंभीर हो सकता है। इन मामलों में पैरालिसिस यानी लकवा हो सकता है या मृत्यु तक हो सकती है।

पोलियो के लक्षण पोलियो से संक्रमित 95% लोगों में कोई लक्षण नहीं दिखता है। मुश्किल ये है कि संक्रमित व्यक्ति बिना लक्षणों के भी पोलियो वायरस फैला सकता है। जिन लोगों में लक्षण दिखते हैं, ये मुख्य रूप से दो तरह के हो सकते हैं।

नॉन-पैरालिटिक पोलियो के लक्षण एक से 10 दिनों तक रह सकते हैं। इसके लक्षण फ्लू जैसे होते हैं। इसमें आमतौर पर गले में खराश और बुखार होता है।

पैरालिटिक पोलियो के बहुत कम मामले सामने आते हैं। पोलियो के लगभग 1% मामलों में ही पैरालिटिक पोलियो विकसित होता है। इससे रीढ़ की हड्डी, ब्रेनस्टेम या दोनों में लकवा हो सकता है।

पोलियो कैसे फैलता है पोलियो का सबसे ज्यादा जोखिम 5 साल से कम उम्र के बच्चों को होता है। अगर किसी वयस्क को बचपन में पोलियो वैक्सीन की सभी खुराक नहीं मिली हैं तो उसे भी इसका जोखिम हो सकता है।

पोलियो खांसने या छींकने से या किसी संक्रमित व्यक्ति के मल (मल) के संपर्क में आने से फैल सकता है। यह कैसे होता है, देखिए।

इसका इलाज क्या है पोलियो के इलाज के लिए कोई विशेष दवाएं नहीं बनी हैं। इसके संक्रमण के बाद पैदा हुए लक्षणों के रहते जीवन को आसान बनाने के लिए कुछ मशीनों या दवाओं का सहारा लिया जा सकता है।

लक्षणों में सुधार के लिए कुछ कोशिशें की जा सकती हैं:

संक्रमण के बाद शरीर को भरपूर आराम मिलना जरूरी है।

अधिक से अधिक तरल पदार्थ पी सकते हैं (जैसे पानी और जूस।)

मांसपेशियों के दर्द में राहत के लिए हीट पैक का उपयोग कर सकते हैं।

जरूरत पड़ने पर दर्द निवारक दवाएं ले सकते हैं (जैसे इबुप्रोफेन।)

फिजिकल थेरेपी ले सकते हैं।

डॉक्टर द्वारा बताई गई एक्सरसाइज कर सकते हैं।

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